गोवर्धन धराधार गोकुल त्राणकारक।
विष्णुबाहु कृतोच्छ्राय गवां कोटिप्रभो भव।।
लोकमंगल की कामना के साथ प्रकृति व मानव के परस्पर संबंध को प्रकट करती “गोवर्धन पूजा” की आप सभी को आत्मीय शुभकामनाएं! आइए, हम सब भगवान श्रीकृष्ण के दिखाए मार्ग पर चलते हुए प्रकृति संरक्षण का संकल्प दोहराएं।
गोवर्धन पूजा का महत्व
यह धार्मिक पर्व प्रकृति, धरती माता, और भगवान श्रीकृष्ण के प्रति श्रद्धा को दर्शाता है. गोवर्धन पर्वत की पूजा कर हम प्रकृति के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं. अन्नकूट के माध्यम से सामूहिक रूप से भोग अर्पित कर हम समाज में एकता और प्रेम के भाव को प्रोत्साहित करते हैं.
अन्नकूट श्रीकृष्ण को धन्यवाद देने का एक तरीका है, जिन्हें इस दिन 56 व्यंजन या छप्पन भोग चढ़ाया जाता है। विभिन्न व्यंजनों को एक पर्वत के आकार में व्यवस्थित किया जाता है और इस त्यौहार को अन्नकूट (भोजन का पर्वत) भी कहा जाता है। अन्नकूट भक्ति, पर्यावरण चेतना और सांस्कृतिक विरासत का एक अनूठा मिश्रण है। भगवान को भव्य भोज अर्पित करके, भक्त प्रकृति की उदारता के लिए आभार व्यक्त करते हैं और अपने आस-पास के वातावरण के साथ सद्भाव में रहने के लिए प्रतिबद्ध होते हैं।
गोवर्धन पूजा अपनी समृद्ध परंपराओं के माध्यम से आध्यात्मिक ज्ञान और पर्यावरण जागरूकता के बीच गहरे संबंध का उत्सव मनाती है । यह पवित्र त्यौहार याद दिलाता है कि कैसे भगवान कृष्ण ने अपने लोगों की रक्षा की, साथ ही हमें प्रकृति के महत्व, विनम्रता और अटूट विश्वास के बारे में मूल्यवान सबक सिखाए। यह त्यौहार भगवान श्रीकृष्ण की बुद्धि, विनम्रता और सुरक्षात्मक स्वभाव का उत्सव मनाता है।
वैष्णवों के लिए, यह दिन भागवत पुराण की उस घटना का स्मरण कराता है जब श्रीकृष्ण ने वृंदावन के ग्रामीणों को मूसलाधार बारिश से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत उठाया था । यह घटना भगवान द्वारा उन भक्तों को सुरक्षा प्रदान करने का प्रतीक है जो उनकी शरण में आते हैं। यह त्यौहार इंद्र पर भगवान कृष्ण की जीत के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हर वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर गोवर्धन की पूजा करने से आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं और इसके अलावा धन-धान्य, संतान और सौभाग्य की प्रप्ति होती है। मथुरा में इस त्यौहार का विशेष महत्व है, इसमें गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करना और विशेष प्रसाद चढ़ाना शामिल है। हिंदू धर्म में गोवर्धन पूजा का बहुत बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है।
भगवान श्री कृष्ण की कृपा दृष्टि सदैव हम सभी पर बनी रहें। भगवान श्रीकृष्ण जी आप सभी को शक्ति, सामर्थ्य, स्वास्थ्य और समृद्धि का आशीर्वाद दें, ऐसी कामना है।
गोवर्धनेश्वराय विद्महे, धेनुकूटी प्रचोदयात् । तन्नो गोवर्धन प्रचोदयात् ॥
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